#2# चौदवी का चाँद ..
'चौदहवी का चाँद हो, या आफ़ताब हो' या गाण्यासाठी मोहम्मद रफींना उत्कृष्ट गायकाचं व याच गाण्यासाठी शकील बदायुनी यांना उत्कृष्ट गीतकार म्हणून फिल्मफेअर अवॉर्ड मिळालं होत. या चित्रपटाचं संपूर्ण शूटिंग झाल्यावर गुरुदत्त यांनी फक्त याच गाण्याचं रंगीत चित्रीकरण करायचं ठरवलं. गाणं अगदी जसच्या तसं शूट झाल.
तेव्हाची आठवण खुद्द वहीदा रेहमान यांनी एका मुलाखतीत सांगितली. त्या म्हणाल्या, " इस गाने को देखने के बाद सेन्सॉर बोर्ड के सदस्योंने इस गाने में से दो सीन कट करने के लिए कहा। तब गुरुदत्त जी ने पुछा "इस शॉट में तो वहीदा अकेली है। दुसरी बात, इस गाने में हूबहू वही शॉट लिया है जो ब्लैक अँड व्हाईट गाने में है। तो क्या प्रॉब्लेम है ? तब सेन्सॉर बोर्ड के सदस्य ने कहाँ, " इसमें वहीदाजी की आँखे बहोत लाल है".. तब उन्हें समझाते हुए गुरुदत्तजी ने कहाँ "शूटिंग के समय तेज लाईट की वज़ह से वो हर टेक से पेहेले आँखों को बर्फ लगाती थी फिर भी उनकी आँखे थोडीसी लाल हुई है बस और ये सीन तो मिया बीबी का है। आप जो सिन सीन कट करने के लिये बोल रहे है उसमें तो वहीदा जी अकेली हि है फ्रेम में "तब उन्हें जवाब मिला "उनकी आँखों में वो लाली की वजह से उनकी आँखे बहोत सेक्सी लग रही है , जो ठीक नहीं"... इसपर गुरुदत्तजी ने उनकी बात मानकर एक सीन कट किया और एक सीन के लिए उनको राजी किया। ऐसे लोग थे उस ज़माने के। उन्ही सदस्योंको अगर आज दिखाए परदे पर क्या चल रहा है तो उन्हें चक्कर आ जायेगा। लेकिन ख़ुशी इस बात की है की उस वक़्त ऐसे लोग थे जो इतनी छोटी छोटी चीजोंका इतना ध्यान रखते" .....
आता नक्की पहा ते गाण, ब्लॅक अँड व्हाईट आणि रंगीत सुद्धा ... तुम्हाला पण ओळखता येईल कोणत्या सीन बद्दल हे लिहिलं आहे ते !
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