Thursday, August 24, 2023


वही बलखाती चाल 
वही हाथों में कंगन 
बालो का जूडा 
यूं लेहेराती हुई साडी 
चेहरे पर गुरुर और आंखों में नमी 
कुछ ऐसे ही सोचा था मैंने 
मेरे सोच कि, मेरे दिल कि तसवीर 
कुछ यूही सवारी थी मैने 
आज फिर उसी याद से 
मुलाकात हो गई 
वही पुरानी बात
आज फिर याद आ गयी 
आज भी संभालकर रखे है मैने
कुछ अधूरे पल 
पल भर कि कुछ यादें 
मोगरे कि खुशबू में लिपटी 
उस नीली खामोश शाम को  
जब बिना बोले आँखों से 
जो कुछ कहा था तुमने 
आज भी याद करता हूँ 
लगता है आज भी उस पल को 
कई बार जीता हूँ 
आज भी उस पल को 
कई बार जीता हूँ 

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