वही बलखाती चाल
वही हाथों में कंगन
बालो का जूडा
यूं लेहेराती हुई साडी
चेहरे पर गुरुर और आंखों में नमी
कुछ ऐसे ही सोचा था मैंने
मेरे सोच कि, मेरे दिल कि तसवीर
कुछ यूही सवारी थी मैने
आज फिर उसी याद से
मुलाकात हो गई
वही पुरानी बात
आज फिर याद आ गयी
आज भी संभालकर रखे है मैने
कुछ अधूरे पल
पल भर कि कुछ यादें
मोगरे कि खुशबू में लिपटी
उस नीली खामोश शाम को
जब बिना बोले आँखों से
जो कुछ कहा था तुमने
आज भी याद करता हूँ
लगता है आज भी उस पल को
कई बार जीता हूँ
आज भी उस पल को
कई बार जीता हूँ
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