Tuesday, May 10, 2016

एक पुरानी याद हे लौटीं
बारिश में, तनहाई में
ख़ामोशी से छेड़ रही यूँ
कई पुराने अफ़साने

कुछ उसने , कुछ मैंने बोला
अल्फाजो से, आँखों से
दिल की बात ना फ़िर केहे पाए
मौसम बदले रातों में  !!!

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